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छात्रों का प्रोटेस्ट:
छात्रों के आंदोलन के बीच RO ARO And PCS परीक्षा पर संकट के बादल मंडराते हैं. पीसीएस 24 की प्री और आरओ एआरओ 2023 की परीक्षा की तारीख पोस्टपोन की जा सकती है. सीएम योगी भी आयोग की कार्यप्रणाली से नाराज है|
Prayagraj UPPSC Student Protest: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाराज लग रहे हैं. सीएम ने आयोग को आदेश दे दिए है की वो आंदोलनरत छात्रों ज़े बाँट करें और जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करें . इसके बाद से ही आयोग में आंदोलन को लेकर मंथन का दौर जारी है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि आरओ एआरओ और पीसीएस प्री परीक्षा की तारीख (RO ARO And PCS Exam) टाली जा सकती है.

प्रयागराज में लोक सेवा आयोग कार्यालय के बाहर छात्रों के प्रदर्शन के बीच ऐसे संकेत मिले हैं. जो जानकारी हमें प्राप्त हुई है उसके मुताबिक इसी बीच मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य अधिकारियों से बातचीत के लिए आयोग पहुंच सकते हैं. वह अभ्यर्थियों की नाराजगी का समाधान निकालने पर आयोग के लोगो से बातचीत कर सकते हैं. टाली जा सकती है एग्जाम की प्रस्तावित तारीख अभ्यर्थियों के आंदोलन को देखते हुए आयोग दफ्तर में मंथन जारी है. दरअसल, कैंडिडेट्स पीसीएस 24 की प्री परीक्षा और आरओ एआरओ परीक्षा दो दिन कराने का विरोध कर रहे हैं. 7 और 8 दिसंबर को पीसीएस 24 की प्री परीक्षा होनी है. जबकि, आरओ एआरओ 2023 प्री परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को प्रस्तावित है. दो दिन की परीक्षा और नार्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर प्रदर्शन करके अपना विरोध जाहिर कर रहे हैं. आंदोलनरत उम्मीदवारों की मांग को लेकर आयोग देर शाम तक बड़ा फैसला ले सकता है. वहीं, बड़ा अपडेट यह भी सामने आ रहा है कि लोकसेवा आयोग की कार्यप्रणाली पर सीएम योगी आदित्यनाथ भी नाराज हैं. सीएम ने उम्मीदवारों को विश्वास में लिए बिना ही नई व्यवस्था लागू करने पर नाराज बताए जा रहे हैं. उन्होंने अपना नाराजगी जताते हुए आयोग को आंदोलनरत अभ्यर्थियों से बातचीत कर समाधान निकालने का निर्देश दिया गया है. प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन यूपी लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन सोमवार सुबह 10 बजे से शुरू हुआ. बता दें कि प्रतियोगी छात्रों की पीसीएस प्री 2024 और आरओ/एआरओ 2023 प्री परीक्षा को लेकर दो मांगें हैं. हालांकि, इन मांगों को लेकर प्रशासन और आयोग के अफसरों के साथ बातचीत पूरी तरह से विफल रही, जिसके बाद अधिकारी तो वापस चले गए, लेकिन हजारों की संख्या में प्रतियोगी छात्र अब भी डटे हुए हैं. वे रात के समय भी मोबाइल के टॉर्च की रोशनी दिखाकर नारेबाजी करके विरोध प्रदर्शन करते रहे और वहीं सड़क पर ही लेट गए.

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